महिलाओं ने दशा माता का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की

पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर अर्पित किया संकल्प का धागा

उज्जैन।घर की दशा सुधारने और सुख-समृद्धि की कामना को लेकर आज महिलाएं दशा माता का पूजन कर रही हैं। मंदिरों में सुबह से पूजन का क्रम शुरू हो गया था। यह पर्व होली के दसवें दिन अर्थात चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। एक दिन पूर्व ही महिलाओं ने घर की साफ-सफाई की और पूजन सामग्री की खरीदी की।

आज दशा माता पूजन के लिए महिलाएं सुबह से ही मंदिरों में पहुंच रही हैं। मंदिर परिसर में पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर कच्चा धागा बांधा, वहीं दस गांठ लगा एक धागा गले में भी धारण किया। पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर नल-दमयंती की कथा का श्रवण किया। इसके बाद माता को बेसन व आटे से बने गहने भी चढ़ाए। पूजन के बाद माता से धन-धान्य और परिवार के सुख समृद्धि की कामना की।

इस दिन झाडू खरीदना भी शुभ माना जाता है। महिलाओं ने नई झाडू की खरीदी की और उसका भी पूजन किया। घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर हल्दी-कुमकुम के छापे लगाए।

आज के दिन महिलाएं एक ही समय भोजन ग्रहण करती हैं। मान्यता है कि पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु का वास रहता है। इसीलिए पीपल की परिक्रमा कर पूजन किया जाता है। पं. चंदन श्यामनारायण व्यास के अनुसार इस बार दशा माता के पूजन में शिव योग बन रहा है। यह शिवयोग रात्रि 8.14 तक रहेगा।

इसी के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग भी इस दिन बन रहा है। इस काल में दशा माता का पूजन करने से समस्त कार्य सिद्ध होते हैं। कई महिलाओं के मन में संशय है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन नहीं होता परंतु हमारे शास्त्र में तिथि को महत्व दिया है इसमें वार का दोष नहीं लगता। तिथि पूर्ण होने से यह दोष समाप्त हो जाता है।

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